आईएफएस अधिकारी ने शेयर की काले बाघ की यह तस्वीर इंटरनेट पर हुई वायरल

आईएफएस अधिकारी परवीन कासवान ने ब्लैक टाइगर्स की एक सुंदर तस्वीर एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की और देखते ही देखते इंटरनेट पर वायरल हो गई। आखिर क्या था उसे तस्वीर में जो सभी लोग उसको इतना पसंद कर रहे हैं। आखिर क्या होते हैं ब्लैक टाइगर्स और इंडिया में कहां-कहां पाए जाते हैं। तो चलिए इस सदर्भ में कुछ और भी नयी जानकारी प्राप्त कर लेते है।

ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के एक कैमरा ट्रैप में एक मेलेनिस्टिक बाघ यानि काले बाघ की इस तस्वीर को लिया। ये टाइगर रिजर्व दुनिया का एकमात्र स्थान है जहा मेलेनिस्टिक ( Melanistic) बाघ पाए जाते हैं। इन बांघों के शरीर पर मोटी काली रेखाएं होती है , जो इसे अन्य बाघोंसे मनोरम और दुर्लभ बनती है।
ऐसी सुंदर, दुर्लभ और मनोरम तस्वीर को परवीन कासवान जी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। सबसे पहले इन बाघों को 21 जुलाई 1993 में पोड़ागढ़ गांव के एक आदिवासी लड़के सल्कू ने अपनी आत्मरक्षा में एक काली बाघिन को पीर मार दिया था। उसके बाद आधिकारिक तौर पर 2007 में एसटीआर में इन बाघों को खोजा गया था।

परवीन कासवान अपनी पोस्ट में क्या कहा ?

परवीन कासवान अपनी पोस्ट में क्या कहा ?

उन्होंने उन्होंने उसे पोस्ट में लिखा की इतिहास में 1993 में एक आदिवासी युवक ने आत्मरक्षा में एक काली बाघिन को मार डाला था। 2007 तक ऐसा दूसरा बाघ देखा नहीं गया था। इस बाघ का देखा जाना एक नई श्रृंखला की शुरुआत है। पासवान जी ने अपनी पोस्ट में बाघों का महत्व बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि, उनकी आबादी बहुत कम है। और वह दुर्लभ अनुवांशिक परिवर्तन का प्रमाण है।

हमें आशा है कि आपको इस आर्टिकल में इन बाघों की पूरी जानकारी मिल गई होगी ।अगर आप इन बैगों के बारे में और भी जानना चाहते हैं ।या आपके मन में और कोई सवाल है ।तो आप नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और ऐसी ही नई अपडेट को जानने के लिए हमारी वेबसाइट को बुकमार्क कर लीजिए । धन्यवाद

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